टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की लवलीना बोरगोहेन ने पूर्व विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की चेन निएन-चिन को सोमवार को हराकर इस्तांबुल में जारी आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 12वें संस्करण में भारतीय अभियान का विजयी आगाज किया।

बीते साल जुलाई-अगस्त में आयोजित टोक्यो ओलंपिक के बाद लवलीना पहला टूर्नामेंट खेल रही हैं। बावजूद इसके उनके खेल में कोई कमी नहीं नजर आई और वह 70 किग्रा भार वर्ग के इस मुकाबले में 3-2 के विभाजित फैसले के साथ अंतिम-16 दौर में पहुंचने में सफल रहीं, जहां उनका सामना शुक्रवार को फेयर चांस टीम की सिंडी नगाम्बा से होगा।
इस जीत के साथ लवलीना ने विश्व चैंपियनशिप में 2018 और 2016 में क्रमश: स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाली चीनी ताइपे की इस मुक्केबाज के खिलाफ अपना व्यक्तिगत रिकार्ड 2-3 कर लिया है। चिन के खिलाफ लवलीना की यह लगातार दूसरी जीत है।
उल्लेखनीय है कि चिन को ही लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हराया था और फिर सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिए कांस्य पदक पक्का किया था। इससे पहले के तीन मुकाबलों में हालांकि चिन ने बाजी मारी थी।

Source BFI
दूसरे दिन, नीतू अपना मुकाबला खेलती नजर आएंगी। नीतू 48 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर में रोमानिया की स्टेलुटा डूटा के खिलाफ अपनी चुनौती की शुरूआत करेंगी।
चार भारतीय खिलाड़ियों-शिक्षा (54 किग्रा), मनीषा (57 किग्रा), अंकुशिता (66 किग्रा) और नंदिनी (+81 किग्रा) को अपने-अपने शुरुआती दौर के मुकाबलों में बाई मिली है।
यह साल खास है क्योंकि 73 देशों के 310 मुक्केबाज इस चैम्पियनशिप में भाग ले रही हैं। यह साल खास इसलिए है क्योंकि यह इस प्रतिष्ठित आयोजन की 20वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का पिछला संस्करण 2019 में रूस में आयोजित किया गया था। उस समय भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे।
भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के 11 संस्करणों में अब तक नौ स्वर्ण, आठ रजत और 19 कांस्य सहित 36 पदक हासिल किए हैं। रूस (60) और चीन (50) के बाद के नाम सबसे अधिक पदक हैं।
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